पीरियड डिले करने वाली गोलियों से छात्रा की मौत: डीवीटी (Deep Vein Thrombosis) कितना खतरनाक है?

हाल ही में एक 18 वर्षीय छात्रा की दुखद मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया। छात्रा ने धार्मिक समारोह के लिए अपने मासिक धर्म को टालने के उद्देश्य से पीरियड डिले करने वाली हार्मोनल गोलियां ली थीं। कुछ ही दिनों बाद उसके पैरों में सूजन और दर्द हुआ और डॉक्टरों ने इसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis – DVT) यानी रक्त का थक्का जमने की समस्या बताया। कुछ घंटों बाद हालत बिगड़ी और छात्रा की जान चली गई।

यह घटना न केवल दुखद है बल्कि हमें यह सिखाती है कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी हार्मोनल दवा का सेवन कितना खतरनाक हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर डीवीटी क्या है, क्यों होता है, इसके लक्षण, बचाव के उपाय, और पीरियड डिले करने वाली गोलियों के सही उपयोग के बारे में।


डीवीटी (Deep Vein Thrombosis) क्या है?

deep vein thrombosis (DVT), human leg veins
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डीवीटी एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर की गहरी नसों (ज्यादातर पैरों या जांघों में) में रक्त का थक्का (Blood Clot) बन जाता है। यह थक्का रक्त के प्रवाह को रोक सकता है और अगर यह फेफड़ों तक पहुँच जाए तो पल्मोनरी एम्बोलिज़्म नामक जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है।

डीवीटी क्यों खतरनाक है?

  • यह अचानक सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है।
  • छाती में तेज दर्द और हृदय गति बढ़ा सकता है।
  • थक्का टूटकर फेफड़ों तक पहुंच जाए तो जानलेवा हो सकता है।

पीरियड डिले करने वाली गोलियों से खतरा क्यों बढ़ता है?

पीरियड डिले करने वाली गोलियों में हार्मोन (Progesterone या Estrogen) की उच्च मात्रा होती है। ये हार्मोन शरीर के नेचुरल चक्र को बदलते हैं। लेकिन इनसे रक्त गाढ़ा होने लगता है और खून का थक्का बनने का जोखिम बढ़ जाता है।

कौन लोग ज्यादा रिस्क में रहते हैं?

जोखिम कारक डीवीटी का खतरा क्यों बढ़ता है?
मोटापा शरीर में अतिरिक्त चर्बी रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है।
धूम्रपान निकोटीन और टॉक्सिन्स रक्त को गाढ़ा बनाते हैं।
परिवार में रक्त थक्का का इतिहास जेनेटिक फैक्टर के कारण जोखिम ज्यादा रहता है।
लंबे समय तक बैठे रहना रक्त का प्रवाह रुक जाता है और थक्का बन सकता है।
हार्मोनल दवाओं का सेवन शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बदल देता है और थक्का बन सकता है।

डीवीटी (Deep Vein Thrombosis) के बारे में ज्यादा जानकारी आप [AIIMS] की इस https://www.aiims.edu  में देख सकते हैं।

डीवीटी के लक्षण (Symptoms of DVT)

अगर किसी को पीरियड डिले करने वाली गोलियों या किसी भी कारण से डीवीटी हो रहा है तो ये लक्षण दिख सकते हैं:

  • पैर या जांघ में सूजन
  • पैर में दर्द या भारीपन
  • त्वचा पर लालिमा या गर्माहट
  • चलने में दिक्कत और पैरों में ऐंठन
  • अचानक सांस लेने में कठिनाई (अगर थक्का फेफड़ों तक पहुँच जाए)

डीवीटी क्यों होता है?

डीवीटी मुख्य रूप से रक्त के प्रवाह में रुकावट या गाढ़े खून की वजह से होता है। इसके मुख्य कारण:

  1. लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठना (जैसे लंबी यात्रा)।
  2. हार्मोनल बदलाव (दवाओं या गर्भनिरोधक गोलियों के कारण)।
  3. सर्जरी के बाद लम्बे समय तक आराम।
  4. खराब जीवनशैली – धूम्रपान, अल्कोहल, मोटापा।
  5. किडनी, हृदय या लिवर की बीमारियाँ।

बचाव कैसे करें? (Prevention of DVT)

डीवीटी से बचाव के लिए कुछ जरूरी सावधानियां अपनाना बेहद जरूरी है:

  • डॉक्टर की सलाह के बिना हार्मोनल गोलियां न लें।
  • लंबे समय तक बैठे रहने से बचें, बीच-बीच में चलें।
  • धूम्रपान और अल्कोहल से दूरी बनाएं।
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
  • योग और व्यायाम को जीवन का हिस्सा बनाएं।
  • अगर परिवार में खून के थक्के का इतिहास है तो खास सावधानी रखें।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

क्या हर महिला को पीरियड डिले करने वाली गोलियां खतरनाक होती हैं?

नहीं, लेकिन जिन महिलाओं में रक्त का थक्का बनने का जोखिम ज्यादा है, उनके लिए यह जानलेवा हो सकती है।

क्या इन गोलियों का कोई सुरक्षित विकल्प है?

डॉक्टर की सलाह से अन्य कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या IUD जैसे विकल्प सुरक्षित हो सकते हैं।

क्या डीवीटी का इलाज संभव है?

हाँ, लेकिन शुरुआती अवस्था में पहचान जरूरी है। खून पतला करने वाली दवाओं और लाइफस्टाइल सुधार से इलाज संभव है।

अगर पैरों में सूजन या दर्द हो तो क्या करना चाहिए?

तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, यह डीवीटी का लक्षण हो सकता है।


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याद रखें: वेल्थिक्स की सलाह है 

यह घटना हमें यह सिखाती है कि सेल्फ-मेडिकेशन (Self Medication) यानी बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेना खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर जब बात हार्मोनल दवाओं की हो। पीरियड डिले करने वाली गोलियां भले ही सुविधाजनक लगें लेकिन इनसे जुड़े जोखिम को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।

इसलिए, महिलाओं को चाहिए कि किसी भी हार्मोनल दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और अपने शरीर की स्थिति के अनुसार ही दवा लें। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम और जागरूकता ही डीवीटी जैसी बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।

 

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